जब लक्ष्मी जी जगन्नाथ जी से रूठ जाती हैं. और उन्हें मंदिर में आने नहीं देतीं।
जगन्नाथ जी अपनी रथयात्रा के लिए जाते हैं लक्ष्मी जी को बोलकर की मैं जल्दी आऊंगा.. लेकिन वो 8 दिन के लिए नहीं आते.. तब लक्ष्मी जी उनसे रूठ जाती हैं। और जब वो वापस आते हैं तो लक्ष्मी जी बलभद्र जी को तो प्रवेश करने देती हैं क्योंकि वो उनके जेठ हैं और सुभद्रा जी को भी क्योंकि वो छोटी हैं लेकिन वो प्रभु को प्रवेश नहीं करने देतीं। तब प्रभु उन्हें रसगुल्ले देकर मनाते हैं। आज ही के दिन ओडिसा में ये लीला की जाती है। इसे रसगुल्ला दिबस कहकर ओडिसा में मनाते हैं।
जय जगन्नाथ जय माता लक्ष्मी
जगन्नाथ जी अपनी रथयात्रा के लिए जाते हैं लक्ष्मी जी को बोलकर की मैं जल्दी आऊंगा.. लेकिन वो 8 दिन के लिए नहीं आते.. तब लक्ष्मी जी उनसे रूठ जाती हैं। और जब वो वापस आते हैं तो लक्ष्मी जी बलभद्र जी को तो प्रवेश करने देती हैं क्योंकि वो उनके जेठ हैं और सुभद्रा जी को भी क्योंकि वो छोटी हैं लेकिन वो प्रभु को प्रवेश नहीं करने देतीं। तब प्रभु उन्हें रसगुल्ले देकर मनाते हैं। आज ही के दिन ओडिसा में ये लीला की जाती है। इसे रसगुल्ला दिबस कहकर ओडिसा में मनाते हैं।
जय जगन्नाथ जय माता लक्ष्मी
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