Hinduism is the Only Dharma

Hinduism is the Only Dharma in this multiverse comprising of Science & Quantum Physics.

Josh Schrei helped me understand G-O-D (Generator-Operator-Destroyer) concept of the divine that is so pervasive in the Vedic tradition/experience. Quantum Theology by Diarmuid O'Murchu and Josh Schrei article compliments the spiritual implications of the new physics. Thanks so much Josh Schrei.

Started this blogger in 2006 & pageviews of over 0.85 Million speak of the popularity.

Dhanyabad from Anil Kumar Mahajan
-Cheeta

Pages

Thursday, January 13, 2011

चन्द्र के शुभ एवं अशुभ योग (The Auspiciuos and Inauspicious Yogas of Moon)


चन्द्र के शुभ एवं अशुभ योग (The Auspiciuos and Inauspicious Yogas of Moon)

नवग्रहों में चन्द्रमा को शुभ ग्रह माना जाता है. यह हमारी पृथ्वी का सबसे नजदीकी ग्रह भी है अत: इसका प्रभाव भी जल्दी होता है. जन्म कुण्डली में चन्द्र जिस राशि मे बैठा होता है वही व्यक्ति का राशि होता है. चन्द्र राशि का महत्व लग्न के समान ही होता है. फलदेश करते समय लग्न कुण्डली के समान ही चन्द्र कुण्डली का भी प्रयोग किया जाता है. चन्द्र कई प्रकार के योग का भी निर्माण करता है जिनमे से कुछ योग शुभ फल देते हैं तो कुछ अशुभ फलदायी होते हैं.
चन्द्र के शुभ योग - The Auspiciuos Yogas of Moon

गजकेशरी योग (Gajakesari Yoga)
चन्द्र द्वारा निर्मित शुभ योगों में गजकेशरी योग (Gajakeshri Yoga) काफी जाना-पहचाना नाम है. यह योग गुरू चन्द्र के सम्बन्ध से बनता है. जब गुरू एवं चन्द्र जन्म कुण्डली में एक दूसरे से केन्द्र स्थान में यानी 1, 4, 7, 10, में होगा अथवा गुरू चन्द्र की युति इन भावों में होगी तो गजकेशरी योग बनेगा. सामान्यतया इस योग (Gajakeshri Yoga) से प्रभावित व्यक्ति ज्ञानी होते हैं. इनमें विवेक तथा दया की भावना होती है. आमतौर पर इस योग वाले व्यक्ति उच्च पद पर कार्यरत होते हैं. अपने गुणों एवं कर्मों के कारण मृत्यु के पशचात भी इनकी ख्याति बनी रहती है.

सुनफा योग (Sunapha Yoga)
जन्म कुण्डली में जिस भाव में चन्द्र होता है उससे दूसरे घर में कोई ग्रह बैठा हो तो सुनफा योग (Sunapha Yoga) बनता है. इस योग में राहु केतु एवं सूर्य का विचार नहीं किया जाता है यानी चन्द्र से दूसरे घर में इन ग्रहों के होने पर सुनफा योग नहीं माना जाएगा. इस योग (Sunapha Yoga) में चन्द्र से दूसरे घर में शुभ ग्रह हों तो योग उच्च स्तर का होता है. जबकि, एक शुभ तथा दूसरा अशुभ ग्रह हों तो इसे मध्यम दर्जे का माना जाता है. यदि दोनों अशुभ ग्रह हैं तो निम्न स्तर का सुनफा योग (Sunapha Yoga) बनेगा. यह योग जिस स्तर का होता है उसी अनुरूप व्यक्ति को इसका लाभ मिलता है. जिनकी कुण्डली में यह योग (Sunapha Yoga) होता है वह सरकारी क्षेत्र से लाभ प्राप्त कर सकते हैं. धन-सम्पत्ति उच्छी होती है.

अनफा योग (Anapha Yoga)
सुनफा योग की भांति अनफा योग (Anapha Yoga) में भी सूर्य को गौण माना जाता है यानी सूर्य से इस योग का विचार नहीं किया जाता है. अनफा योग (Anapha Yoga) कुण्डली में तब बनता है जब जन्म कुण्डली में चन्द्र से बारहवें घर में कोई ग्रह बैठा होता है. ग्रह अगर शुभ है तो योग प्रबल होगा. चन्द्र से बारहवें घर में अशुभ ग्रह होने पर योग कमज़ोर होगा. इस योग (Anapha Yoga) से प्रभावित व्यक्ति उदार एवं शांत प्रकृति का होता है. नृत्य, संगीत एवं दूसरी कलाओं में इनकी रूचि होती है. सुख-सुविधाओं में रहते हुए भी वृद्धावस्था में मन विरक्त हो जाता है. योग एवं साधना इन्हें पसंद आता है.

दुरूधरा योग (Durdhara Yoga)
चन्द्र की स्थिति से दुरूधारा योग तब बनता है जब चन्द्र जिस भाव में हो उस भाव से दोनों तरफ कोई ग्रह बैठा हो. ध्यान रखने वाली बात यह है कि दोनों तरफ में से किसी ओर सूर्य नहीं होना चाहिए. अगर चन्द्र के दोनों तरफ शुभ ग्रह होंगे तो योग अधिक शक्तिशाली होगा. एक ग्रह शुभ दूसरा अशुभ तो मध्यम दर्जे का योग बनेगा इसी प्रकार दोनों तरफ अशुभ ग्रह हों तो निम्न स्तर का योग बनेगा. दुरूधरा योग के विषय में यह कहा जाता है कि इससे प्रभावित व्यक्ति समृद्धशाली होता है. इन्हें भूमि एवं भवन का सुख भी प्राप्त होता है.
चन्द्र के अशुभ योग (Inauspicious Yogas of Moon)

केमद्रुम योग (Kemadruma Yoga)
चन्द्र द्वारा निर्मित अशुभ योगों में केमद्रुम (Kemadruma Yoga) प्रमुख है. यह योग (Kemadruma Yoga) जन्मपत्री में तब बनता है जबकि चन्द्र के दोनों तरफ के भाव में कोई ग्रह नहीं हो. इस योग (Kemadruma Yoga) के विषय में माना जाता है कि इससे प्रभावित व्यक्ति का मन अस्थिर रहता है. असामाजिक कार्यों में इनका मन लगता है. इनके जीवन में काफी उतार-चढ़ाव भी आते रहते हैं.


पुनर्फू योग (Punarphoo Yoga)
जन्म कुण्डली में चन्द्र एवं शनि की युति होने पर पुनर्फू योग (Punarphoo Yoga) बनता है. चन्द्र शनि की युति एवं राशि परिवर्तन से भी पुनर्फू योग (Punarphoo Yoga) निर्मित होता है. यह योग अशुभ फलदायी माना जाता है. पुनर्फू योग के कारण विवाह में रूकावट आती है. आमतौर पर इस योग (Punarphoo Yoga) से प्रभावित व्यक्ति की शादी विलम्ब से होती है. वैवाहिक जीवन में परेशानी एवं अचानक अचानक उतार-चढ़ाव भी इन्हें देखना पड़ता है.

http://astrobix.com/hindi/332-yogas-of-moon.aspx 

No comments:

Post a Comment

Popular Posts

Search This Blog